न्यूज….धनोरा/केसकाल शशीधरण की रिपोर्ट

 

नक्सली हिंसा में मृत पति के ऐवज में छ.ग.शासन से अनुकम्पा नियुक्ति पाने के बाद पत्नी नया पति बनाकर बच्चों और परिवार को छोड़ हुई नदारत* 🤦🤦🤦

*नक्सली हिंसा में मृत मन्नू राम के नाबालिग पुत्रों के समक्ष उत्पन्न हुआ भरंण पोषंण – शिक्षा अर्जित करने की समस्या*..😭😭😭

———–केशकाल ब्लाक एवं धनौरा तहसील के ग्राम पड्डे के नक्सली हिंसा में मृत मन्नूराम नाग के दो पुत्र अपने जीवन गुजर बसर और पढ़ाई व्यवस्था को लेकर उत्पन्न समस्या को लेकर केशकाल विधायक माननीय नीलकंठ टेकाम जी के बंगले में फरियाद करने पंहुचे ।

*पिता की मौत के वक्त मात्र दो ढाई वर्ष के रहे*—-

*बड़े पुत्र प्रज्जवल नाग की उम्र फिलहाल – 15 वर्ष है जो इस वर्ष कक्षा – 10 की पढ़ाई करेगा* ।

*द्वितीय पुत्र आसू नाग की उम्र फिलहाल मात्र -13 वर्ष है जो पिता की मौत के वक्त मां के गर्भ में ही था उसे न पिता का चेहरा देखने को मिला न पिता का लाड़ प्यार ही नसीब हो पाया* ।

*जो इस वर्ष कक्षा -8वीं की पढ़ाई करेगा* ।

*बच्चों का सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि पिता के असमय मौत के बाद पिता और मां दोनों का लाड़ प्यार तथा संरक्षण जिस मां से मिलना था वो मां ही कुमाता निकल गयी । ” मां ” की ममता और फर्ज को* *कलंकित कर देने वाली मां ने अपने पति के मृत्यु पश्चात मिले अनुकम्पा नियुक्ति के बाद नया पति बनाकर अपने बच्चों को अपने हाल में* *बेसहारा छोड़कर अन्यत्र चली गई है*।

उल्लेखनीय है कि –

छ.ग.शासन गृह विभाग के आदेश क्र./एफ.-4/82/गृह-सी/2001/रायपुर दिनांक 20-10-2004 एवं संशोधित कार्य योजना आदेश दिनांक 03-03-2011की कंडिका-14एवं21तथा छ.ग.शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय रायपुर के ज्ञापन क्र./एफ-7-4/2002/1-3/दिनांक 10-06-2003में दिये गये निर्देशों के तहत नक्सली हिंसा में मृत्यु होने पर उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने के प्रावधानों के तहत —

कार्यालय कलेक्टर, बस्तर जिला , जगदलपुर (आदिवासी विकास शाखा) आदेश क्रमांक/आ.वि./नक्सली सेल/8513/2011जगदलपुर दिनांक 12-10-2011जारी कर —

श्रीमती अमिका नाग पति स्व.मन्नूराम ग्राम पड्डे थाना-ईरागांव विकास खंड -केशकाल को अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया गया था ।

*अनुकम्पा नियुक्ति के नियम / शर्त कंडिका क्र.10 में यह स्पष्ट*

*उल्लेखित है कि* ——👉

*उम्मीदवार को मृतक के समस्त आश्रित सदस्यों के भरंण पोषण की सम्पूर्ण जिम्मेदारी का निर्वाह करना अनिवार्य होगा*।

नक्सली हिंसा में मृत मन्नूराम नाग के आश्रित समस्त सदस्यों के भरंण पोषण की बात तो दूर रही ..

वह अपने पर ही निर्भर रहने वाले नन्हे नन्हे नाबालिग बच्चों को भी अपने हाल में बेसहारा छोड़कर नये पति के सांथ रंगरेलियां मनाने चलते बनी …..

यह भी नहीं सोचा कि मेरे जाने के बाद मेरे इन बच्चों का क्या होगा…???

अब नाबालिग बच्चों के भरंण पोषण और शिक्षा दिक्षा की चिंता से चिंतित मृतक के भाई व परिवार जन इधर उधर फरियाद करते आवेदन देते फिर रहे हैं।

इसी क्रम में वो बच्चों को लेकर माननीय विधायक महोदय के दर तक दस्तक दे फरियाद करने पंहुचने ।

मृतक की पत्नी और बच्चों की मां द्वारा जिस तरह से बेरुखी का बर्ताव करते तथा *अनुकम्पा नियुक्ति आदेश के नियम शर्त कंडिका क्र10का उल्लंघन करते नया शादी कर जिम्मेदारी से मुख मोड़ ली है उसे देखते हुए उसकी अनुकम्पा नियुक्ति तत्काल निरस्त करने की मांग करते* ..

*नक्सली हिंसा में मृत मृतक के दोनों बच्चों की पढ़ाई के लिए आवासीय व्यवस्था वाले स्कूल /आश्रम की व्यवस्था देने की याचना शासन -प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से करते फिर रहे हैं* ।

अध्ययन रत बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रशासन – शासन के सक्षम लोगों से *मेरा भी यह सादर निवेदन है कि इस मसले को बहुत संवेदनशीलता से लेते हुए शिक्षा सत्र आरंभ होने के पूर्व ही बच्चों को आवासीय शिक्षा सुविधा मुहैया कराने की कृपा करें*

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